Wednesday, August 12, 2015

दोऊ दौड करत हैं, हिन्दू या मुसलमान।
ए जो उरझे बीच में, इनका सुंन मकान।।

हिन्दू और मुसलमान दोनों ही प्रमात्मा प्राप्तिके लिए परस्पर स्पर्धामें उतर आए हैं, किन्तु दोनों ही मूल घर (आनंद) तक पहुँच नहीं पाए तथा बीचमें ही फँस गए, कयोंकी इनका ध्यान प्रमात्मा से अधिक झगडों में अटक गया है...और उनका ठिकाना शून्य तक ही रहा.

प्रणाम जी

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