Friday, February 5, 2016

वाणी

पोहोंच्या म्याराजमें गुनाह मोमिनों, ए सुन उरझे मुसलमान ।
ठौर गुन्हें न पोहोंच्या जबराईल, ए जाने दिल मोमिन अरस सुभान ।।

म्याराजके प्रसंगमें रसूलने कहा कि (कुरानमें कहा है- म्याराजके समयमें खुदाने रसूल मुहम्मदको कहा कि तेरी रूहोंने गुनाह किया है ) इस प्रकार ब्रह्मात्माओं तक गुनाह पहुँच गया है, ये वचन सुनकर मुसलमान उलझ रहे हैं. जिस स्थान पर स्वयं जिब्रील फरिश्ता भी नहीं पहुँचा, ऐसे स्थान पर गुनाह कैसे पहुँच सकता है ? इस रहस्यको वही आत्माएँ जान सकतीं हैं, जिनके हृदयमें स्वयं परमात्मा विराजमान हैं..

प्रणाम जी

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