परमात्मा कितने है ?
एकं सद्विप्रा बहुधा वदन्त्यग्नि यमं
मातरिश्वानमाहुः ।।८।।
(ऋग्वेद मं० १। सूक्त १६४। मन्त्र ४६)
भावार्थ :- वह परमात्मा एक ही है जो बहुत से नामो से जाना जाता है ।
इसके बारे में कैवल्य उपनिषद लिखता है
स ब्रह्मा स विष्णुः स रुद्रस्स
शिवस्सोऽक्षरस्स परमः स्वराट्।
स इन्द्रस्स कालाग्निस्स चन्द्रमाः।।७।।
(कैवल्य उपनिषत)
अर्थात ब्रह्मा भी वही है विष्णु ,रूद्र , शिव ;अक्षर , परम् ,स्वराट ,इंद्र , काल , अग्नि चन्द्रमा इत्यादि उसी एक परमात्मा के नाम है ।
Satsangwithparveen.blogspot.com
प्रणाम जी
एकं सद्विप्रा बहुधा वदन्त्यग्नि यमं
मातरिश्वानमाहुः ।।८।।
(ऋग्वेद मं० १। सूक्त १६४। मन्त्र ४६)
भावार्थ :- वह परमात्मा एक ही है जो बहुत से नामो से जाना जाता है ।
इसके बारे में कैवल्य उपनिषद लिखता है
स ब्रह्मा स विष्णुः स रुद्रस्स
शिवस्सोऽक्षरस्स परमः स्वराट्।
स इन्द्रस्स कालाग्निस्स चन्द्रमाः।।७।।
(कैवल्य उपनिषत)
अर्थात ब्रह्मा भी वही है विष्णु ,रूद्र , शिव ;अक्षर , परम् ,स्वराट ,इंद्र , काल , अग्नि चन्द्रमा इत्यादि उसी एक परमात्मा के नाम है ।
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प्रणाम जी
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