Sunday, May 28, 2017

सवंय का संग ही सतसंग है.. तुम सवंय ही सत्य हो आनंद हो.. इसके अलावा कोई सत्यसंग नही है..अगर बाहर कहीं सतसंग करने जाते हो तो  झूठ को सत्य समझ कर भ्रमित हो रहे हो.. सत्य को पाना है तो तुरंत दिशा बदलो इससे पहले की शरीर बदल जाये..
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