Thursday, December 14, 2017

जो मान्यता को नियंत्रित नहीं करते उनके लिए वह शत्रु के समान कार्य करती है।

आत्म-ज्ञान की तलवार से काटकर अपने ह्रदय से  मान्यता के द्वारा उत्पन्न अज्ञान के संदेह को अलग कर दो. अनुशाषित रहो. उठो।

क्योंकि नर्क के तीन द्वार हैं: वासना, क्रोध और लालच ओर ये सब मान्यता रूपी पेड़ की ही टहनियां हैं ।

Satsangwithparveen.blogspot.com

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