Tuesday, May 23, 2017

तत्व ज्ञान की सबसे पहली सीढ़ी है इस बात का चिंतन करना "मैं नित्य चेतन आत्मा हूँ। शरीर नहीं हूँ" और मैं प्रमात्मा से अलग नही हूं | आपने अपने को देह मान लिया है और अपने को प्रमात्मा से अलग मानते हो, बस यहीं से सारी गड़बड़ शुरू होती
है। जैसे गणित में यदि पहले कदम पे ही गलती हो जाये तो फिर आगे गलती होती ही जाती है। इसी प्रकार स्वयं को शरीर मान लेने से हम गलत दिशा में चलते जाते हैं। अत: सदा सावधान रहो एवं नित्य अभ्यास करो। हम शरीर नहीं आत्मा हैं और प्रमात्मा में ही है बस इस बात का बोध होना है..

पेहेले आप पेहेचानो रे साधो, पेहेले आप पेहेचानो ।
बिना आप चीन्हें पार ब्रह्मको, कौन कहे मैं जानो।।
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