Sunday, December 13, 2015

इनमे से आप कोन?

सुप्रभात जी

आप कौन सी मछली है??

एक महात्मा था, उनके एक शिष्य ने सवाल किया कि संसार में किस तरह के इन्सान को मुक्ति मिलती है ?

महात्मा अपने शिष्य को तेज बहाव की नदी पर लेकर गये और जाल डालकर मछलियों को पकडने के लिए कहा।
शिष्य ने नदी में जाल फेंका और कुछ मछलियाँ जाल में फंस गई।फिर महात्मा ने शिष्य से सवाल किया कि जाल मे अटकने के बाद मछलियों का व्यवहार कैसा है ?
शिष्य ने कहा कि कुछ मछलियाँ अपनी मस्ती में मस्त हैं , कुछ मछलियाँ छटपटा रही है और कुछ मछलियाँ आजाद होने के लिए भरपूर प्रयास कर रही हैं , लेकिन आजाद नहीं हो पा रही है। सभी मछलियां एक जैसी ही दिखाई दे रही है लेकिन तीन प्रकार का मछलियां का रवैया देखा।
महात्मा ने मुस्कराते हुए कहा तुम्हें तीन प्रकार की मछलियां दिखाई दिया लेकिन चार प्रकार की मछलियां है।
शिष्य ने कहा वो चौथे प्रकार मछली किस तरह और उसका रवैया क्या है ?
महात्मा ने कहा कि जो मछलियां अपनी मस्ती में मस्त हैं वो वह जीव जो इस संसार में खा-पीकर माया में मस्त है।
दुसरा वो मछलियां जो छटपटा रही यह वो जीव हैं जो कभी-कभी सतसंग जाते हैं और ज्ञान की बातें करते हैं लेकिन अमल नहीं करते।
तीसरे प्रकार की मछलियां उस प्रकार के जीव हैं जो नित नेम सतंसग जाते है और भजन सिमरन भी करते हैं लेकिन मन में बदले में कुछ सांसारिक कामना रखते हैं और जिसके अंदर सांसारिक कामना हो वो ना मुक्त हो सकते और ना ही परमात्मा के प्रति प्रेम।
शिष्य ने कहा चौथे प्रकार की मछलियां और लोग किस तरह है ?
महात्मा ने कहा कुछ मछलियां इस जाल में फंसती नहीं है वो अन्नय प्रेम लक्षणा भक्त हैं सदेव परम सत्य की चाह रखने वाले वो जान्ते है यह जाल कैसा है, संसार महासागर है उसके अंदर रज,तम ओर सत रूप में मायाजाल है जो निरन्तर परमात्मा के सत्य के भी सत रूप को धारण किय रहते हैं वो इसके सतगुण के मायाजाल में भी नहीं फंसते है।

प्रणाम जी

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