विचारों से शांति आनंद की ओर पहला कदम है
सत्य की कसौटी तर्क नहीं है। सत्य की कसौटी विचार नहीं है। सत्य की कसौटी है आनंदानुभूति। जो विचार-दर्शन है वो यहां नहीं लेकर आ सकता, ये सब विचार तो अविचार ही ज्यादा है। ज्यादातर स्त्ये मार्गी अपने अपने सत्य पर तर्क करते हैं, पर मैं उनसे कहता हूं कि जबतक ये तुम्हारे तर्क शेष हैं जब तक सत्य नही है, सत्य में प्रवेश करने पर तर्क नहीं रह जाते ।
धर्म विचार नहीं है। वह तो आनंदमय हो जाने का एक विज्ञान मात्र है। उसकी पोहोच विवाद में नहीं, प्रयोग में है।
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