Tuesday, November 20, 2018

धर्म यही है

धर्म परमात्मा को पाने का नहीं, वरन् नई दृष्टिं, नई चेतना पाने का विज्ञान है। वह तो है ही, हम उसमें ही खड़े हैं, उसमें ही जी रहे हैं। पर आंखें नहीं हैं, इसलिए सूरज दिखाई नहीं देता है। ध्यान देना सूरज को नहीं, आंखों को खोजना है। 

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