Sunday, December 6, 2015

निजनाम सोई जाहेर हुआ,

निजनाम सोई जाहेर हुआ, जाकी सब दुनी राह देखत।
मुक्त देसी ब्रह्मांड को, आए ब्रह्म आतम सत।।

निजनाम का अर्थ याहां कोइ नाम के लिये नही बल्कि पहचान के लिये किया गया है अगर निजनाम का अर्थ यहां मन्त्र लिया गया तो सारा अर्थ नवधा भक्ति कि ओर चला जायेगा इसलिये याहा नाम का अर्थ मंत्र नहि बलकि पहचान है..इसका मूल भाव यह है की अब वो पारब्रह्म जिसको याहां के वेद पुराण आदि ग्रंथ खोज खोज के थक गये थे अब वो इस कलयुग मे जाहीर हो गये अर्थात अब उनकी पहचान इस कलयुग मे प्रकट हो गयी है जिसकी सब दुनिया राह देख रही थी..अब उनकी पहचान करके पूरा ब्रह्मांड मुक्त हो सकेगा कयोंकि इस असत मे सत्ये ब्रह्म की सत्ये आत्मांये प्रकट हो चुकी है जिनके सतये ग्यान से ये पूरा ब्रहमानड सत्ये को प्राप्त कर सकेगा..
(हरिवंश पुराण भविष्य पर्व अध्याय ४ में कहा गया है कि कभी न होने वाले वे ब्रह्ममुनि कलियुग में अवतरित होंगे, जो एकमात्र सत्य के आश्रय मे रहेंगे व केवल सत्य को धारण करने वाले होंगे)इसलिय ये ब्रह्मांड भी उनके सत्य ग्यान से सत्य को पा सकेगा..

प्रणाम जी

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