गाल्यूं मूंजे दिलज्यूं, सभ तूंहीं सुजाणे।
हे सभेई तोहिज्यूं, तो करायूं पांणे।।
मेरे प्राणप्रियतम परमात्मा ! मेरे दिल की सभी बातों को आप ही जानते हैं। यहां जो भी उत्पन्न होता है वो आपसे ही है व उसको पूर्ण भी आप ही करते हो ,यह सारी लीला आपने ही की है और आप ही कराते हैं।
प्रणाम जी
हे सभेई तोहिज्यूं, तो करायूं पांणे।।
मेरे प्राणप्रियतम परमात्मा ! मेरे दिल की सभी बातों को आप ही जानते हैं। यहां जो भी उत्पन्न होता है वो आपसे ही है व उसको पूर्ण भी आप ही करते हो ,यह सारी लीला आपने ही की है और आप ही कराते हैं।
प्रणाम जी
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