सुप्रभात जी
समाधि का अर्थ है चित्त जिसका ध्यान कर रहा हो उस समय चित्त का अपना स्वरुप शून्य होकर केवल ध्येय की ही प्रतीति होना. योग के सन्दर्भ में समाधि का अर्थ है कि चित्त जब परमात्मा का ध्यान कर रहा हो उस समय चित्त का अपना स्वरुप शून्य होकर केवल परमात्मा का ही अनुभव होता है अर्थात आत्मा और परमात्मा की एकरूपता का बोध होना ही समाधि है. ऐसा अनुभव होने के बाद समाधि से जागने पर भी वह सर्वत्र परमात्मा का ही दर्शन करता है. ऐसा समाधि में स्थित वह परमात्मा की पराभक्ति को प्राप्त हो जाता है अर्थात परमात्मा जो, जैसा और जितना है ठीक वैसा का वैसा तत्त्व से जान लेता है और इस प्रकार तत्त्व से जानकर तत्काल परमात्मा में प्रविष्ट हो जाता है.
प्रणाम जी
समाधि का अर्थ है चित्त जिसका ध्यान कर रहा हो उस समय चित्त का अपना स्वरुप शून्य होकर केवल ध्येय की ही प्रतीति होना. योग के सन्दर्भ में समाधि का अर्थ है कि चित्त जब परमात्मा का ध्यान कर रहा हो उस समय चित्त का अपना स्वरुप शून्य होकर केवल परमात्मा का ही अनुभव होता है अर्थात आत्मा और परमात्मा की एकरूपता का बोध होना ही समाधि है. ऐसा अनुभव होने के बाद समाधि से जागने पर भी वह सर्वत्र परमात्मा का ही दर्शन करता है. ऐसा समाधि में स्थित वह परमात्मा की पराभक्ति को प्राप्त हो जाता है अर्थात परमात्मा जो, जैसा और जितना है ठीक वैसा का वैसा तत्त्व से जान लेता है और इस प्रकार तत्त्व से जानकर तत्काल परमात्मा में प्रविष्ट हो जाता है.
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