विषय कोई क्रिया नहि है . अर्थात जिसे करना आप गलत मान्ते हो और उसे विषय वासना कि श्रेणी में रखते हो,, तो में बता दूं के संसार कि कोई भी क्रिया विषय नही है,, तो विषय कया है , विषय केवल चिंतन है, अर्थात जो भी कार्य आप करते हो, जिसे बूरे कि श्रेणी में रखा जाता है , तो वो आपके अंतःकरण को नुकसान नही पहुंचा सकता, केवल उसका चिंतन ही नुकसान दायक है ..चाहे क्रिया न करके केवल चिंतन करते हो तो भी ये उतना ही घातक है..
*तो विषय कया है, विषय केवल चिंतन है*
Satsangwithparveen.blogspot.com
प्रणाम जी
*तो विषय कया है, विषय केवल चिंतन है*
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प्रणाम जी
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