अदूैतसत्य के रस्ते पर कोई दो ही गलतियाँ कर सकता है, या तो वह पूरा सफ़र तय नहीं करता या सफ़र की शुरुआत ही नहीं करता...
सफ़र की शुरुआत न करना सबसे ज्यादा होने वाली गलती है, इस गलती से अपने को वो कदापी अलग न समझें जो नाम जाप, चितवनी, परिक्रमा, परायण, रूपध्यान, रोना, रिझाना आदीआदी करते हैं | अगर मार्ग सत्य नही है तो ये सब वैसे ही है जैसे आप अपने और सांसारिक कार्य करते हैं..
सफ़र की शुरुआत सही करें फिर धैर्य से पूरा सफ़र तय करें..
Www.Facebook.com/kevalshudhsatye
प्रणाम जी
सफ़र की शुरुआत न करना सबसे ज्यादा होने वाली गलती है, इस गलती से अपने को वो कदापी अलग न समझें जो नाम जाप, चितवनी, परिक्रमा, परायण, रूपध्यान, रोना, रिझाना आदीआदी करते हैं | अगर मार्ग सत्य नही है तो ये सब वैसे ही है जैसे आप अपने और सांसारिक कार्य करते हैं..
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