*क्षमा करें सांसारिक प्रश्न है, पर व्यवहारिक दृष्टि से अहम प्रश्न है । जिसमें सदा सबको संदेह रहता है कि आत्मविस्वास और अहंकार में क्या भेद है कृपया सपष्ट करें ।*
आत्मविस्वास और अहंकार
*लोग कहते है सूर्य डूब रहा है* सूर्य डूब रहा है ऐसा सत्य नही है, ऐसा इसलिय है कयोंकी पृथ्वी ऊपर उठ रही है |
वास्तव में सूरज डूबता ही नही है केवल पृथ्वी ही उपर आती है कयोंकी वो सूर्य के चारो और चक्र लगाती है, जब उसकी स्थिती सूर्य से नीचे होती है तो सूर्य उपर दिखता है और जब सूर्य से उपर होती है तो सूर्य नीचे प्रतीत होता है |
बस यही समझने वाली बात है की कोई भी डूबता या कम नही होता वो केवल इसलिय लगता है की तुम उस समय उपर जा रहे हो ना की वो नीचे..
किसी को नीचे जाते हुऐ समझना ही भ्रम या अहंकार है ..
और खुदमें निरंतर उदय देखना ही आत्मविस्वास है |
Satsangwithparveen.blogspot.com
आत्मविस्वास और अहंकार
*लोग कहते है सूर्य डूब रहा है* सूर्य डूब रहा है ऐसा सत्य नही है, ऐसा इसलिय है कयोंकी पृथ्वी ऊपर उठ रही है |
वास्तव में सूरज डूबता ही नही है केवल पृथ्वी ही उपर आती है कयोंकी वो सूर्य के चारो और चक्र लगाती है, जब उसकी स्थिती सूर्य से नीचे होती है तो सूर्य उपर दिखता है और जब सूर्य से उपर होती है तो सूर्य नीचे प्रतीत होता है |
बस यही समझने वाली बात है की कोई भी डूबता या कम नही होता वो केवल इसलिय लगता है की तुम उस समय उपर जा रहे हो ना की वो नीचे..
किसी को नीचे जाते हुऐ समझना ही भ्रम या अहंकार है ..
और खुदमें निरंतर उदय देखना ही आत्मविस्वास है |
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