अभी आपके आंदर राम है, अभी आपके अंदर कृष्ण है, अभी आपके अंदर महापुरुष हैं, अभी आपके अंदर स्वामी विवेकानंद, स्वामी दयानन्द, आदिगुरु शंकाचार्य आदि अनेक विभूतियां हैं, अभी आपके अंदर शिष्य है, अभी अंदर गुरु है, अभी आपके अंदर ज्ञान है, आपके अंदर गुरु का दिया हुआ मंत्र है, आपके अंदर सबकुछ है *बस एक महत्वपूर्ण वस्तु का अभाव है ओर वो है आप खुद*
*स्वयं*
*कोन है जो आपमें इतना बोलता है ?*
*कोन है जो आपमें इतना शांत है ?*
सब जानते हो बस स्वयं को नहीं जानते
*जो जानना है वो नहीं जानते बाकी सब जानने का प्रयास करते हो*
*पहले आपको पहचानो बाकी सब देखा जायेगा*
*अगर अपने आपको नहीं पहचाना तो ये बाकी सब आपको के डूबेगा*
Satsangwithparveen.blogspot.com
*स्वयं*
*कोन है जो आपमें इतना बोलता है ?*
*कोन है जो आपमें इतना शांत है ?*
सब जानते हो बस स्वयं को नहीं जानते
*जो जानना है वो नहीं जानते बाकी सब जानने का प्रयास करते हो*
*पहले आपको पहचानो बाकी सब देखा जायेगा*
*अगर अपने आपको नहीं पहचाना तो ये बाकी सब आपको के डूबेगा*
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