सुुप्रभात जी
ऋग्वेद 10.49.1
केवल एक परमात्मा ही सत्य की प्राप्ति के लिए प्रयत्न करने वालों को सत्य ज्ञान का देने वाला है । वही ज्ञान की वृद्धि करने वाला और धार्मिक मनुष्यों को श्रेष्ठ कार्यों में प्रवृत्त करने वाला है । वही एकमात्र इस सारे संसार का रचयिता और नियंता है । इसलिए कभी भी उस एक परमात्मा को छोड़कर और किसी की भी उपासना नहीं करनी चाहिए ।
यजुर्वेद 13.4
सारे संसार का एक और मात्र एक ही निर्माता और नियंता है । एक वही पृथ्वी, आकाश और सूर्यादि लोकों का धारण करने वाला है । वह स्वयं आनंदस्वरूप है । एक मात्र वही हमारे लिए उपासनीय है ।
प्रणाम जी
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