Tuesday, October 27, 2015

सुप्रभात जी

भगवद्गीता में कहा गया है

एवं बूद्धे: परं बुद्धवा संस्तभ्यात्मानमात्मना।

अर्थात् इस प्रकार बुध्दि से परे आत्मा को जानकर , आत्मा के द्वारा आत्म को वश में करके अर्थात आत्म भाव मे आना (अपने जीव पर नियंत्रण प्राप्त किया जा सकता है) यही योग है।

प्रणाम जी

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