Sunday, February 21, 2016

सुप्रभात जी

प्रश्न : मन का मौन क्या है ?
उत्तर: दो चीजें है मन और उसका दृष्टा [साक्षी /आत्मा] .मन दृश्य है .
सामान्य व्यक्ति मन के साथ तदाकार होकर जीता है ,मन के साथ एकाकार होकर जीता है ,उसे दृष्टा का पता नहीं होता है.
जब साधक मन को दृष्टा ,साक्षी होकर अवलोकन करता है ,ध्यान करता है ,तब मन ,विचार धीरे धीरे शांत हो जाते हैं .
इस मन की शांत स्थिति का नाम "मन का मौन " है .
इस 'मन के मौन ' में अनुभव होता है कि 'मैं मन नहीं हूँ ' ,मैं मन के पर मन का साक्षी जीव व उसपर बैठी आत्मा हूँ .
यह 'साक्षी आत्मा ' सदा ही मौन है ,'साक्षी आत्मा '-'अखंड मौन है (अखंड आनंदित)'
'मन का मौन ' अस्थाई है ,किन्तु 'आत्मा ' शाश्वत मौन है .
हमारा लक्ष्य 'साक्षी आत्मा ' का अखंड मौन याने 'अखंड आनंद' है ,जो 'मन के मौन ' में ही अनुभव होता है -इसे ध्यान कहते हैं .
Satsangwithparveen.blogspot.com
प्रणाम जी

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