पूर्ण सन्त की पहचान व उसके लक्षण हमारे सद्ग्रन्थों में लिखे हुए है ...पूर्ण सन्त की पहचान के लिए आप सभी सन्तों के ज्ञान का अध्ययन करिये..क्योंकि ज्ञान से ही सन्त की पहचान होगी। जो सन्त सभी शास्त्रों चाहे वेद हो या कुरान, के अनुकूल ज्ञान देता है वह पूर्ण ज्ञानी सन्त होगा और जो सन्त शास्त्रों के विपरीत ज्ञान बताता है और सत्य विषय के बाहर जाकर ज्ञान देता है वह नकली और अज्ञानी है।
आपजी सभी धर्मगुरुओं की किताबों का तुलनात्मक अध्ययन करिये। उनके प्रवचन सुन कर खुद समझिये कि इन धर्म गुरूओं द्वारा कही जा रही बातो का उल्लेख किसी धर्म शाश्त्र में है या कि नहीं है। जहा पर इन धर्म गुरूओ का ज्ञान समझ मे ना आये तब इनसे प्रश्न करिये और बार बार प्रश्न करिये। इस तरह सच्चाई का पता अपने आप चल जायेगा।
कबीर भेष देख मत भूलिये, बूझ लीजिये ज्ञान।
बिना कसौटी होत नहीं, कंचन की पहिचान।।
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प्रणाम जी
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