Saturday, May 5, 2018

क्या सत्संग से विकार कम होते हैं

प्रश्न-- मैं सारा बहोत सत्संग करता हूँ पर विकार कम नही होते । क्या सत्संग से विकार कम होते हैं ???? कृपया समाधान करें ।

उतर - तुम्हारा सत्संग ही विकार हैं । तो विकार से विकार कैसे कम होंगे । क्या अग्नि से कभी अग्नि बुझी है ।
सतसंग को विकार भाव इसलिय काहा है कयोंकी इसमें दो का भाव है सत्य और संग, अर्थात सत्य का संग करने वाला, अर्थात *अहं* | अपने को सत्य से अलग अहम मान्ते हो, यही अहं भाव सतसंग मे विकार रूप में उपस्थित रहता है.. इसलिय सवंय की शुद्ध पहचान ही सतसंग है..आनंद ही सत्य है ,आप ही आनंद हो..बाहर तो सब झूठ है.. स्वयं सत्ये हो बस संग करने वाले अहम को समाप्त होना हैं यही विकार हैं ।
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