Monday, September 7, 2015

ब्रह्मसृष्टियां

सुप्रभात जी

ब्रह्मसृष्टियां परमधाम में रहती हैं और ईश्वरी सृष्टि योगमाया के ब्रह्माण्ड (सत्स्वरूप) में रहती है। तीसरी जीव सृष्टि का निवास बैकुण्ठ में होता है।  संसार में रहने वाली जीव सृष्टि कर्मकाण्ड की भक्ति को ही अपना सर्वोपरि कर्तव्य मानती है। ईश्वरी सृष्टि ज्ञान युक्त प्रेम मार्ग (हकीकत की बन्दगी) भक्ति की राह अपनाती है। ब्रह्मसृष्टियां ज्ञान-विज्ञान युक्त अनन्य प्रेम-लक्षणा भक्ति (हकीकत-मारिफत के इश्क) की राह अपनाती हैं।

शरीर एवं इन्द्रियों से की जाने वाली भक्ति कर्मकाण्ड के अन्तर्गत मानी जाती है। शुद्ध ज्ञान की राह पर चलते हुए ध्यान मार्ग का अवलम्ब करना हकीकत की बन्दगी हैं। परब्रह्म के अनन्य प्रेम का अनुसरण करते हुए उसकी शोभा में डूब जाना ब्रह्मसृष्टियों की राह है।

प्रणाम जी

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