Wednesday, September 9, 2015

दिल मजाजी दुनी का, इत अबलीस पातसाह।
सो औरों दुस्मन और आपका, मारत सबकी राह।।

संसार के जीवों का दिल झूठा होता है। उसमें शैतान इब्लीश की बादशाही होती है। वह संसार के सभी प्राणियों और स्वयं का भी शत्रु है। उसका कार्य ही सबको अज्ञानता के अन्धकार में भटकाना है।
इब्लीश (शैतान) कोई व्यक्ति नहीं है, बल्कि अज्ञान को ही शैतान कहा जाता है। हिन्दू धर्म ग्रन्थों में इसे ‘कलि’ की संज्ञा दी जाती है। सत्य ज्ञान से रहित होने के कारण संसार के जीव विषय-वासनाओं की तृष्णा में भटकते रहते हैं, इसलिये उनके दिल को झूठा दिल कहते है..

प्रणाम जी

No comments:

Post a Comment