हमने इस संसार में बडा तमाशा देखा की लोग विष की नदि मे से विष उठा कर कहते हैं की सब विष है पर ये अमृत है..
अनन्यभाव बहोत गहरा है हम नही जान पायेंगे कयोंकी हम पहले से "अनन्य" हैं..
प्रणाम जी
अनन्यभाव बहोत गहरा है हम नही जान पायेंगे कयोंकी हम पहले से "अनन्य" हैं..
प्रणाम जी
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