Saturday, November 7, 2015

सच्चा रिश्ता ....

जब तुम रोड पर चल रहे हो जहाँ बोहोत वाहन आते जाते है और अपने छोटे बच्चे का हाथ तुमने पकड़ रखा है जो अभी नादान है वो  हजार कोशिश करे की तुमसे हाथ छुड़ा  ले पर तुम उसका हाथ नही छोड़ते क्योंकि तुमे पता है इसमें उसका अहित होगा दोडेगा वो वाहनों की तरफ जो अत्यंत खतरनाक है उसके लिये तुम जाने नही देते उसे बुरा लगता है फिर भी, वो एक पल के लिए रोता चिल्लाता है फिर भी ,
ऐसा तुम करते हो सांसारिक रिश्ते के लिए जो झूठे है मिटजाने  वाले हैं |
बस अब जरा रुक के सोचो तुम्हारा हाथ भी पकड़ रखा है परमात्मा ने जिस से तुम्हारा सत्ये रिश्ता है  नही छोड़ेगा कभी भी उसे पता है की तुम हर वो चीज़ मांगते हो जो तुम्हे नुक्सान देगी खतरनाक है तुम्हारे लिए तुम रोते हो चिल्लाते हो पर वो नही देता क्योंकि वो ख्याल रखता है तुम्हारा पर तुम नही देख रहे उसकी तरफ विमुख हो गये हो इसलिए अपना अच्छा बुरा नही समझ रहे जब उस से सम्बन्ध पता चल जायेगा तब अपने आप समझ आ जायेगा की वो क्या कर  रहा है तुम्हारे लिए उसकी तरफ मुह कर  लो फिर तुम्हे नही आकर्षित करेगा वो सब जिस से तुम्हे सावधान रहना है जो खतरनाक है तुम्हारे लिए फिर अपने आप बाच जावोगे और आनंद प्राप्त होगा उस से जिस से तुम्हारा सत्ये रिश्ता है आनंद मिलेगा अपने सत्ये रिश्ते का क्योंकि उसने तो हाथ पकड रखा है तुम्हारा तुम ही विमुख दोड़ रहे हो ||
satsangwithparveen.blogspot.com
प्रणाम जी 

No comments:

Post a Comment