दिल अरस मोमिन कह्या, तित आए हक सुभान ।
सो दिल पाक औरों करे, जाए देखो मगज कुरान ।।
ब्रह्मात्माओं (मोमिनों) के दिलको तो परमधाम कहा है, कयोंकी ब्रह्मात्माओं का ध्यान हमेंशा अपनें पूर्णब्रह्म परमात्मा में रहता है ..कयोंकी इनका परमात्मा से संबन्ध है इसलिय ये उसे परमात्मा नही बल्की अपना सर्वसव मानती हैं ..इस कारण इनके दिल मे माया नही आ पाती कयोंकी वहाँ परमात्मा (हक सुभान) आकर विराजमान होते हैं. ऐसी आत्माएँ अन्य लोगोंके दिलोंको भी पवित्र बना देतीं हैं. कयोंकी इनका ग्यान एकदम शुद्ध होता है ..जडता से दूर व चेतनता से ओतप्रोत जिसके संपर्क से सबको लाभ मिलता है...और इसका प्रमाण कुरान आदी मे वर्णित है...
प्रणाम जी
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