Saturday, January 30, 2016

अन्नत आनंद

सुप्रभात जी
Satsangwithparveen.blogspot.com
भिन्न भिन्न प्रकार के नशे अलग अलग आनंद देते हैं . जो की विभिन्न मादक पदार्थो के माध्यम से किय जाते हैं. ये पदार्थ हमारे अन्दर जाके कुछ कोशिकाओं व नाडी तंत्र के साथ क्रिया करके शरीर मे आनंद को क्रियानवित कर देते हैं जिस कारण हमें कुछ समय के लिय आनंद का अनुभव होता है.. और जिसको इन मादक पदार्थों की लत पड जाती है वो फिर अन्य किसी भी प्रलोभन में आकर इनको नही त्यागना चाहता ,वो इनके लिय हर प्रकार के भोग विलास को त्याग देता है..
पर जरा विचार करें कया वो उस मादक पदार्थ को अगर पूरे शरीर से लपेट ले तो कया वो नशा होगा , नही , कयोंकी वो पदार्थ तो केवल अपने अन्दर क्रिया करका उस आनंद को ऐक्टिवेट करता है ,अर्थात आनंद उसमें नही है हमारे अंदर ही है .
ये तो तुच्छ आनंद है जो केवल उदाहरण के लिय बताया है वरना हमारे अंदर आनंद के अपार व अनंत भंडार भरे पडे हैं ..आवश्यकता है अपने भीतर मुडकर परमात्मा तत्व की खोज करने की अगर ये मिल गया तो समझो आनंद activet हो जायगा व अन्नत आनंद अन्नत काल के लिय मिल जायगा जिसके लिय तुम किसी भी भोग विलास के आनंद को मल की भांती त्याग दोगे..तो अन्नत आनंद के लिय अंतर्मुख होकर परमात्मा की खोज करनी होगी..और कोइ अन्य उपाय है ही नही..
Www.facebook.com/kewalshudhsatye
प्रणाम जी

No comments:

Post a Comment