Friday, July 17, 2015

अन्दर के दरवाजे पर पहरा रखें

हमेशा सावधान रहें..अन्दर न जाने दें संसार को। अन्दर तो केवल परमात्मा , उनका नाम , उनका गुण , उनका रूप , उनकी लीला , उनका धाम , उनके संत बस इतने हमारे अंतःकरण में जायें। बाकी को बाहर रखें। चारों ऒर बिठा लो अपने कोई बात नहीं। अन्दर न जाने दो। नहीं तो वैसे ही मन गन्दा है और हो जायेगा। परत की परत मैल जम जायेगी उसमें। यानी प्यार परमात्मा के क्षेत्र में ही हो। व्यवहार संसार भर में हो।

satsangwithparveen.blogspot.in

परणाम जी

No comments:

Post a Comment