पूर्ण वास्तविकता यह है कि वर्तमान विश्व में प्रचलित सभी धर्मों को तो पंथ या सम्प्रदाय ही कहा जा सकता है क्योंकि धर्म तो एक ही है - सत्य । सत्य धर्म ही एकमात्र धर्म है जो एक परब्रह्म परमात्मा का मार्ग दिखाता है । सभी पंथ (जिन्हे धर्म कहा जाता है उदाहरणार्थ हिन्दू, मुस्लिम , ईसाई मत , आदि) तो उसी सत्य धर्म की शाखाएँ हैं , जो विभिन्न भाषाओं में उस एक सच्चिदानन्द परमात्मा का मार्ग दिखाते हैं ।
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