Sunday, August 23, 2015

सुप्रभात जी

हे जीव ! यदि तुम इस बार भवसागर से पार हो जाओगे तो दुबारा मानव तन में नहीं आना पड़ेगा। तुम सावधान होकर इस बात पर विचार करो। यद्यपि भवसागर से पार होना कठिन है, किन्तु पार हो जाने पर अनन्त सुख मिलेंगे। परमात्मा से अन्नय प्रेम रूपी नाव बना कर आसानी से भवसागर को पार किया जा सकता है..
Satsangwithparveen.blogspot.com
प्रणाम जी

No comments:

Post a Comment