सुप्रभात जी
खेल किस चीज का है ????
केवल सब्दो पर जाओगे तो खेल दुःख का है पर बातूनी हकीकत केवल ब्रह्ममुनि जानते है की खेल दुःख का नही है बल्कि द्वैतवाद का है परम धाम में अद्वैतवाद का आनंद है वहां कभी हमने दुय्त के बारे में सुना भी नही था बस यही खेल परमात्मा अक्षरातीत को दिखाना था इसलिए हमे केवल नजर रूप में यहाँ भेजा है यहाँ के जीवो को अनंत काल से द्वैतवाद का अभ्यास है इसलिए वो यहाँ माया में मस्त रहते हैं पर हमारे लिए ये द्वैतवाद दुःख का कारण बना हुआ है सारी बुराईयाँ जैसे काम क्रोध लोभ मोह ओर अहंकार द्वैतवाद से ही है जरा गहराई से विचार करेंगे तो आपको खुद इसकी गहराई या बातूनी भेद का अनुभव हो जायेगा विषय गहन है पर शब्द सिमित हैं अतः इस विषय पर चिंतन करेंगे तो विषय अपनेआप शपष्ट हो जायगा और आपको अनुभव होगा की आपके हर दुख का कारण केवल द्वैतवाद है..
यहाँ परमात्मा का साक्षात्कार का सबसे उत्तम उपाए है की हम परमात्मा से अदुय्त भाव से सम्बन्ध स्थापित करें .. परमात्मा से अद्वैतभाव भाव कैसे स्थापित करें यह भी गहन व् आवश्यक विषय है इसपे भी कभी पर चर्चा करेंगे पर आज के लिए इतना ही ..
Satsangwithparveen.blogspot.com
प्रणाम जी
खेल किस चीज का है ????
केवल सब्दो पर जाओगे तो खेल दुःख का है पर बातूनी हकीकत केवल ब्रह्ममुनि जानते है की खेल दुःख का नही है बल्कि द्वैतवाद का है परम धाम में अद्वैतवाद का आनंद है वहां कभी हमने दुय्त के बारे में सुना भी नही था बस यही खेल परमात्मा अक्षरातीत को दिखाना था इसलिए हमे केवल नजर रूप में यहाँ भेजा है यहाँ के जीवो को अनंत काल से द्वैतवाद का अभ्यास है इसलिए वो यहाँ माया में मस्त रहते हैं पर हमारे लिए ये द्वैतवाद दुःख का कारण बना हुआ है सारी बुराईयाँ जैसे काम क्रोध लोभ मोह ओर अहंकार द्वैतवाद से ही है जरा गहराई से विचार करेंगे तो आपको खुद इसकी गहराई या बातूनी भेद का अनुभव हो जायेगा विषय गहन है पर शब्द सिमित हैं अतः इस विषय पर चिंतन करेंगे तो विषय अपनेआप शपष्ट हो जायगा और आपको अनुभव होगा की आपके हर दुख का कारण केवल द्वैतवाद है..
यहाँ परमात्मा का साक्षात्कार का सबसे उत्तम उपाए है की हम परमात्मा से अदुय्त भाव से सम्बन्ध स्थापित करें .. परमात्मा से अद्वैतभाव भाव कैसे स्थापित करें यह भी गहन व् आवश्यक विषय है इसपे भी कभी पर चर्चा करेंगे पर आज के लिए इतना ही ..
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प्रणाम जी
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